अधिकतर वे नेटवर्क मर्केटर कारोबार में इसलिए सफल नहीं होते क्योंकि वे अपने से ज्यादा दूसरों की बातों में आ जाते हैं, चाहे उनके माता-पिता हो या चाचा, मामा, दोस्त या कोई अजनबी ही क्यों ना हो| नीचे दी गई कहानी लोगों की राय से संबंधित है|
एक बार भूचाल आने पर कुछ मेंढक एक चिकने गड्ढे में गिर गए वहां से उनके लिए बाहर छलांग लगाना बहुत मुश्किल था| बहुत से मेंढक को ने बाहर छलांग लगाने की कोशिश की लेकिन सब बेकार| उनमें से अधिकतर मेंढक और ने हार मान ली वह कोशिश करना छोड़ दिया|
एक मेंढक अभी भी कोशिश करता रहा नीचे सभी मेंढक उसे बार-बार ऐसा ना करने की सलाह दे रहे थे| वह चिल्ला रहे थे| लेकिन वह फिर भी कोशिश करता रहा | एक बार छलांग लगाते हुए हवा के एक झोंके की मदद से वह उस गड्ढे से बाहर आकर गिर गया|
बाहर आने पर वहां पर मौजूद कुछ मेंढको ने उससे पूछा कि अंदर वाले सभी मेंढक के बार-बार मना करने और चेतावनी देने के बावजूद तुम रुके क्यों नहीं ? उस मेंढक ने जवाब दिया कि मैं ऊंचा सुनता हूं| मैं यह सोचकर कोशिश करता रहा कि वे चिल्ला चिल्ला कर मेरा हौसला बढ़ा रहे हैं इसलिए मैं सोचता रहा कि मैं अच्छी कोशिश कर रहा हूँ इसलिए वे मुझे प्रेरित कर रहे हैं|
शिक्षा
बाजार में आप जितने लोगों से मिलेंगे उनमें से अधिकतर लोग नेटवर्क मार्केटिंग के बारे में बेकार बातें करेंगे| कुछ लोग इसे बेकार का काम कहेंगे तो अन्य इसे गैरकानूनी कहेंगे| असल में वे चाहते हैं कि आप उन्हीं की तरह 9 से 5 की ड्यूटी करते रहें |तो आपके सामने दो विकल्प हैं या तो आप उन्हीं की तरह बने रहें या बहरे बनकर कोशिश करते रहे| सोचो अगर राइट बंधु अगर लोगों की सलाह पर चलते हैं तो आज भी हम विमान के यात्रा ना कर रहे होते | ठीक इसी प्रकार अगर थॉमस एडिसन लोगों की सलाह पर चलता तो शायद आज भी हम दिए की रोशनी में बैठे होते हैं| आज भी बल्ब नहीं होता|